गर्मी को मात देने के लिए पहुंचें उत्तराखंड के ‘चोपटा’, लें ट्रैकिंग का भरपूर मजा
गर्मियों के मौसम में ज्यादातर लोग हिल स्टेशन जाना पसंद करते हैं. पहाड़ों का सुहाना मौसम और प्राकृतिक नजारे हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं. ऐसे में गर्मियों में दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) और उसके आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) और उत्तराखंड (Uttarakhand) की तरफ घूमने जाते हैं. इन दोनों राज्यों में ही पर्यटकों की भीड़ सबसे ज्यादा होती है. यहां के हिल स्टेशनों का टूरिस्ट सीजन कभी खत्म ही नहीं होता. ऐसे में आज हम आपको उत्तराखंड के चोपटा (Chopta) हिल स्टेशन के बारे में बताने जा रहे हैं जो बहुत ही खूबसूरत है. अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं तो चोपटा में आपको ट्रैकिंग और कैंपिंग का अच्छा मौका मिलेगा. चोपटा हरिद्वार से लगभग 185 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इस बार गर्मियों में आप चोपटा जाने की प्लानिंग कर सकते हैं. यहां की ताजी हवा और हरी-भरी वादियां आपके मन को तरोताजा कर देंगी. आइए आपको बताते हैं कि चोपटा में आप क्या क्या घूम सकते हैं.
तुंगनाथ मंदिर
चोपटा में सबसे प्रसिद्ध तीर्थ और पर्यटन स्थल तुंगनाथ मंदिर है. यह चोपटा से 3.5 किलोमीटर दूर स्थित है. इतनी ऊंचाई पर मौजूद तुंगनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. यह पंच केदार मंदिरों में से एक है. मान्यता है कि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित यह मंदिर पांच हजार साल से भी अधिक पुराना है. कहते हैं कि तुंगनाथ मंदिर का निर्माण पांडवों ने करवाया था. सर्दियों के दौरान ये जगह पूरी तरह से बर्फ से ढक जाती है, जिस वजह से तुंगनाथ मंदिर के कपाट छह महीने के लिए बंद रहते हैं. तुंगनाथ मंदिर में ट्रैकिंग के जरिए पहुंचा जाता है.
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देवरिया ताल ट्रैक
देवरिया ताल उत्तराखंड में मस्तुरा और सारी गांव से 3 किलोमीटर दूर स्थित है. यह ट्रैक काफी छोटा है लेकिन लोगों को इसे पूरा करने में बहुत मजा आता है. देवरिया ताल का उल्लेख कई धार्मिक किताबों में मिलता है. अगर आप पहली बार ट्रैकिंग कर रहे हैं तो इस पर आपको खूब मजा आएगा और आपको कोई परेशानी नहीं होगी. देवरिया ताल न केवल अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है, बल्कि ये चोपटा का एक बहुत ही फेमस कैम्पिंग स्पॉट भी है. ज्यादातर ट्रैकर्स देवरिया ताल तक ट्रैकिंग करते हैं और फिर यहां पहुंचने पर कैंपिंग का मजा लेते हैं.
कंचुला कोरक कस्तूरी मृग अभ्यारण्य
चोपटा घाटी के पास स्थित कंचुला कोरक कस्तूरी मृग अभ्यारण्य लुप्तप्राय कस्तूरी मृग और कुछ अन्य लुप्तप्राय हिमालयी जीवों के लिए फेमस है. इस अभयारण्य की शुरुआत दुर्लभ जीवों की संख्या बढ़ाने के लिए ही की गई थी. चोपटा से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कंचुला कोरक कस्तूरी मृग अभयारण्य उत्तराखंड के सबसे छोटे, लेकिन प्रमुख वन्यजीव सेंचुरी में से एक है. चोपटा के पास स्थित ये जगह वन्यजीव प्रेमियों के लिए बहुत ही अच्छी है.
चंद्रशिला ट्रैक
चोपटा घाटी के प्रमुख आकर्षणों में से एक चंद्रशिला ट्रैक थोड़े मुश्किल ट्रैक में गिना जाता है. हालांकि ये जगह आपको रोमांच से भर देगी. पौराणिक कथाओं के अनुसार रावण का वध करने के बाद भगवान राम ने यहीं तपस्या की थी. नंदादेवी, त्रिशूल, केदार चोटी, बंदरपंच और चौखम्बा सहित चंद्रशिला चोटी से हिमालय का 360 डिग्री का नजारा बेहद ही खूबसूरत लगता है.
दुगलबिट्टा
जब आप उखीमठ से चोपटा के लिए जाएंगे तो 7 किलोमीटर पहले दुगलबिट्टा नाम का एक बेहद ही खूबसूरत हिल स्टेशन आएगा. स्थानीय लोगों के अनुसार दुगलबिट्टा का अर्थ है दो पहाड़ों के बीच का स्थान. कुछ समय पहले यह हिल स्टेशन चोपटा जाने वाले पर्यटकों के लिए एक रास्ते के रूप में काम करता था लेकिन अब यहां पर्यटक घूमने के लिए पहुंच रहे हैं. यहां के प्राकृतिक नाजरे आपको अपनी तरफ आकर्षित करेंगे.
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कैसे पहुंचें चोपटा
चोपटा उत्तराखंड में स्थित एक बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है. यहां पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले देहरादून या ऋषिकेश पहुंचना होगा. चोपटा देहरादून से लगभग 246 किलोमीटर और ऋषिकेश से लगभग 185 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. आप इन दोनों स्थानों से चोपटा पहुंच सकते हैं. अगर आप हवाई मार्ग से चोपटा पहुंचना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले देहरादून एयरपोर्ट पर पहुंचना होगा. फिर वहां से आप टैक्सी किराए पर ले सकते हैं.
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